कैप्सूल का ऊपरी हिस्सा प्लास्टिक से नहीं बनता, सच जान लेंगे तो इसे खाना ही छोड़ देंगे
दोस्तों #gyanpointweb पर आप सभी का स्वागत करता हूं |
मान लीजिए, आप बीमार हैं।Doctor के पास check up के लिए गए। उसने कुछ medicine लिखीं। इनमें कुछ capsule भी हैं। बीमार हैं और सेहत ठीक करनी है। इसलिए आप दवाइयों में मौजूद खा भी लेते हैं। ये जरूरी भी है। लेकिन, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जो capsule आप खा रहे हैं, उनके अंदर तो दवाई होती है लेकिन बाहरी हिस्सा यानी जिसे आप plastic का खोल या कवर समझ रहे हैं, वो हकीकत में plastic से नहीं बनता। इसका सच जानने के बाद शायद आप capsule ही ना खाएं। बहरहाल, अब इसके menufecuring मटैरियल को बदलने की कवायद भी तेज हो गई है।
Google Adsense ke bina paise kaise kamaye top 10 tarike
ये plastic नहीं, gelatin है
- कैप्सूल का जो हिस्सा आपको plastic से बना नजर आता है या आप जिसे plastic से बना समझते हैं, वो वैसा नहीं है। यानी ये plastic से नहीं बनता।
- दरअसल, ये plastic जैसा दिखता जरूर है लेकिन इसे जिलेटिन कहते हैं।
कैसे बनता है gelatin?
कैप्सूल का ऊपरी हिस्सा प्लास्टिक से नहीं बनता, सच जान लेंगे तो इसे खाना ही छोड़ देंगे
- कैप्सूल के पैकेट या डिब्बे पर उसमें मौजूद medicine content की जानकारी तो होती है। लेकिन, ज्यादातर मामलों में कंपनियां आपको ये नहीं बतातीं कि capsule cover जिलेटिन से बना है।
- हकीकत ये है कि gelatin जानवरों की हड्डियों या फिर हड्डियों या स्किन को उबालकर निकाला जाता है। इसे प्रॉसेस कर चमकदार और लचीला बनाया जाता है।
मेनका गांधी ने किया था विरोध
- पिछले साल मार्च में केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने health ministry को 1 letter लिखा। इसमें कहा कि gelatin की जगह पौधों की छाल या उनसे निकलने वाले रस से कैप्सूल कवर तैयार किए जाने चाहिए। इसे सेल्यूलोज कहा जाता है।
- मेनका ने कहा था कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत नहीं होंगी। पौधों की छाल और रस को camical प्रॉसेस के जरिए आसानी से सेल्यूलोज बन सकता है। मेनका ने कहा था कि कई शाकाहारी लोग जो capsule के सच को जानते हैं वो bimari के बावजूद इसे लेने से परहेज करते हैं।
- कुछ दिनों पहले union health ministry जेपी. नड्डा से जैन धर्म के कुछ लोगों ने मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि gelatin से बने capsule पर रोक लगाई जानी चाहिए।
अगर आपको यह आर्टिकल (कैप्सूल का ऊपरी हिस्सा प्लास्टिक से नहीं बनता, सच जान लेंगे तो इसे खाना ही छोड़ देंगे) अच्छा लगा हो | तो हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें | ताकि सभी को इसके बारे में पता चल जाए और इसी प्रकार के न्यूज़ और अपडेट जानने के लिए हमारे वेबसाइट को फॉलो कर सकते हैं |
Ye bhi jane
1-बालों को झड़ने से रोकने के लिए असरदार घरेलू नुस्खे
2-सफेद दाग का ईलाज (Home remedy of white spot)
3-Diabetes home remedy treatment and symptoms in hindi
दोस्तों #gyanpointweb पर आप सभी का स्वागत करता हूं |
मान लीजिए, आप बीमार हैं।Doctor के पास check up के लिए गए। उसने कुछ medicine लिखीं। इनमें कुछ capsule भी हैं। बीमार हैं और सेहत ठीक करनी है। इसलिए आप दवाइयों में मौजूद खा भी लेते हैं। ये जरूरी भी है। लेकिन, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जो capsule आप खा रहे हैं, उनके अंदर तो दवाई होती है लेकिन बाहरी हिस्सा यानी जिसे आप plastic का खोल या कवर समझ रहे हैं, वो हकीकत में plastic से नहीं बनता। इसका सच जानने के बाद शायद आप capsule ही ना खाएं। बहरहाल, अब इसके menufecuring मटैरियल को बदलने की कवायद भी तेज हो गई है।
Google Adsense ke bina paise kaise kamaye top 10 tarike
ये plastic नहीं, gelatin है
- कैप्सूल का जो हिस्सा आपको plastic से बना नजर आता है या आप जिसे plastic से बना समझते हैं, वो वैसा नहीं है। यानी ये plastic से नहीं बनता।
- दरअसल, ये plastic जैसा दिखता जरूर है लेकिन इसे जिलेटिन कहते हैं।
कैसे बनता है gelatin?
कैप्सूल का ऊपरी हिस्सा प्लास्टिक से नहीं बनता, सच जान लेंगे तो इसे खाना ही छोड़ देंगे
- कैप्सूल के पैकेट या डिब्बे पर उसमें मौजूद medicine content की जानकारी तो होती है। लेकिन, ज्यादातर मामलों में कंपनियां आपको ये नहीं बतातीं कि capsule cover जिलेटिन से बना है।
- हकीकत ये है कि gelatin जानवरों की हड्डियों या फिर हड्डियों या स्किन को उबालकर निकाला जाता है। इसे प्रॉसेस कर चमकदार और लचीला बनाया जाता है।
मेनका गांधी ने किया था विरोध
- पिछले साल मार्च में केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने health ministry को 1 letter लिखा। इसमें कहा कि gelatin की जगह पौधों की छाल या उनसे निकलने वाले रस से कैप्सूल कवर तैयार किए जाने चाहिए। इसे सेल्यूलोज कहा जाता है।
- मेनका ने कहा था कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत नहीं होंगी। पौधों की छाल और रस को camical प्रॉसेस के जरिए आसानी से सेल्यूलोज बन सकता है। मेनका ने कहा था कि कई शाकाहारी लोग जो capsule के सच को जानते हैं वो bimari के बावजूद इसे लेने से परहेज करते हैं।
- कुछ दिनों पहले union health ministry जेपी. नड्डा से जैन धर्म के कुछ लोगों ने मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि gelatin से बने capsule पर रोक लगाई जानी चाहिए।
अगर आपको यह आर्टिकल (कैप्सूल का ऊपरी हिस्सा प्लास्टिक से नहीं बनता, सच जान लेंगे तो इसे खाना ही छोड़ देंगे) अच्छा लगा हो | तो हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें | ताकि सभी को इसके बारे में पता चल जाए और इसी प्रकार के न्यूज़ और अपडेट जानने के लिए हमारे वेबसाइट को फॉलो कर सकते हैं |
Ye bhi jane
1-बालों को झड़ने से रोकने के लिए असरदार घरेलू नुस्खे
2-सफेद दाग का ईलाज (Home remedy of white spot)
3-Diabetes home remedy treatment and symptoms in hindi
0 Comments